इस वर्ष चैत्र शुल्क प्रतिपदा को रात्रि 9:47 बजे तक वैधृति योग होने से कलश स्थापना के लिए शुभमुहूर्तों की कमी रहेगी।
कहीं कहीं पर विवरण प्राप्त होता है कि यदि चैत्र शुल्क प्रतिपदा सम्पूर्ण रुप से वैधृति योग या चित्रा नक्षत्र से दषित हो तो इनके पूर्वार्ध भाग को छोड़कर कलशस्थापना करनी चाहिए।
यथा-
प्रतिपदाद्यषोड़शनाड़ीनिषेधः
चित्रावैधृतिनिषेधश्च उक्त कालानुरोधेन सति सम्भवे पालनीयः।
* हाँलाकि यह नियम शारदीय नवरात्री प्रसंग में प्राप्त होता है, लेकिन परम्परानुसार इसका विचार चैत्र नवरात्र में भी किया जाता है।
अभिजीत मुहूर्त में कलशस्थापना का बहुत ज्यादा महत्व है, इस वर्ष वैधृति योग व्याप्ति.के कारण अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाएगा।
वाराणसी में अभिजीत मुहूर्त का समय-
11:36am से 12:36pm तक 1 घण्टे के लिए है।
वाराणसी में राहुकाल का समय-
8:53am से 10:27am तक है।
बहुत विशेष परिस्थिति में राहुकाल को छोड़कर शुभ चौघड़िया देखकर कलश स्थापना कर लेनी चाहिए, ऐसा विद्वानों का अभिमत है।
वाराणसी में शुभ चौघड़िया-
शुभ- 7:20am से 8:53am
चाल- 12:01pm से 13:34pm
लाभ- 13:34pm से 15:08pm
अमृत- 15:08pm से 16:42pm
© पं. ब्रजेश पाठक "ज्यौतिषाचार्य"
B.H.U., वाराणसी।
कहीं कहीं पर विवरण प्राप्त होता है कि यदि चैत्र शुल्क प्रतिपदा सम्पूर्ण रुप से वैधृति योग या चित्रा नक्षत्र से दषित हो तो इनके पूर्वार्ध भाग को छोड़कर कलशस्थापना करनी चाहिए।
यथा-
प्रतिपदाद्यषोड़शनाड़ीनिषेधः
चित्रावैधृतिनिषेधश्च उक्त कालानुरोधेन सति सम्भवे पालनीयः।
* हाँलाकि यह नियम शारदीय नवरात्री प्रसंग में प्राप्त होता है, लेकिन परम्परानुसार इसका विचार चैत्र नवरात्र में भी किया जाता है।
अभिजीत मुहूर्त में कलशस्थापना का बहुत ज्यादा महत्व है, इस वर्ष वैधृति योग व्याप्ति.के कारण अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाएगा।
वाराणसी में अभिजीत मुहूर्त का समय-
11:36am से 12:36pm तक 1 घण्टे के लिए है।
वाराणसी में राहुकाल का समय-
8:53am से 10:27am तक है।
बहुत विशेष परिस्थिति में राहुकाल को छोड़कर शुभ चौघड़िया देखकर कलश स्थापना कर लेनी चाहिए, ऐसा विद्वानों का अभिमत है।
वाराणसी में शुभ चौघड़िया-
शुभ- 7:20am से 8:53am
चाल- 12:01pm से 13:34pm
लाभ- 13:34pm से 15:08pm
अमृत- 15:08pm से 16:42pm
© पं. ब्रजेश पाठक "ज्यौतिषाचार्य"
B.H.U., वाराणसी।
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