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Sunday, 21 August 2022

महादशा फल लिखने का उदाहरण

 महादशाफल_लिखने_का_उदाहरण....


सूर्य महादशा में शुक्र अन्तर्दशा(25/11/2022 तक)


इस समय आप सूर्य की महादशा के अन्तर्गत शुक्र की अंतर्दशा से गुजर रहे हैं। इस दौरान मुख्य रुप से जलज वस्तुओं से धनप्राप्ति, परिश्रम की अधिकता, दुष्ट स्त्री का संग और लोगों से रुखे बर्ताव आदि फल प्राप्त होंगे ।





आपकी कुंडली मे शुक्र उच्चराशि का होकर त्रिकोण भाव में स्थित है, इसके प्रभाव से विप्र एवं राजा का दर्शन, उत्साह में वृद्धि,राज्यलाभ, यश-प्रतिष्ठा एवं मान-सम्मान की प्राप्ति जैसे शुभफल होंगे । घर में सभी प्रकार के कल्याण कार्य संपादित होंगे । प्रिय स्त्री से संबंध होगा तथा भोग एवं सुख के साथ साथ धन-संपत्ति की भी प्राप्ति होगी । 


शुक्र द्वादशेश होने से धनव्यय एवं व्यर्थ   भटकाव अनावश्यक यात्राएँ भी खूब कराएगा अर्थात् जीवन में अस्थिरता उत्पन्न करेगा, कामशक्ति का कारक होने से कामक्रीड़ा के प्रति आसक्ति बढ़ाएगा, महादशेश सूर्य का शत्रु होने से अकारण ही मित्रों से विरोध कराएगा, पञ्चम भाव में स्थित होने से विद्या के क्षेत्र में नवीन कीर्तिमान स्थापित कराएगा तथा सप्तमेश/मारकेश होने से आपको अपमृत्यु(रोग, दुर्घटना, संकट आदि) भी प्रदान करेगा ।





द्वादशेश एवं सप्तमेशजन्य अशुभ फलों की शांति के लिए महामृत्युंजय जप या रुद्राभिषेक आदि कराना चाहिए । इसके साथ ही सफेद गाय या भैंस का दान करना चाहिए। शिव की कृपा हो जाए तो सब मंगल होगा।


सूर्य की महादशा में शुक्र अंतर्दशा एक वर्ष की होती है । यदि इस अन्तर्दशा  को चार-चार महिनों के तीन भागों में बाँट लिया जाए तो प्रारम्भ के चार महिनों(दिसम्बर, जनवरी, फरवरी, मार्च) में मिले जुले फलों की प्राप्ति होगी । मध्य के चार महिने(अप्रैल, मई, जून, जूलाई) लाभकारी एवं शुभकारी रहेंगे । तथा अंत के चार महिनों(अगस्त, सितंबर, अक्तूबर, नवम्बर) में यशोहानि, बंधुओं से द्वेष तथा परिवार में सुख की कमी आदि फल प्राप्त होंगे । 

सप्तमेश और द्वादशेश जन्य जो अशुभ फल बताए गए हैं उनकी अधिकांश अशुभता अंतिम चार महीनों में घटित होंगी ।





१. सूर्य-शुक्र-शुक्र प्रत्यन्तर फल (25/01/2022)-

शुक्र प्रत्यन्तर दशा में सफेद घोड़ा,वस्त्राभूषणादि की प्राप्ति, उत्तम स्त्री से समागम होता है।


२. सूर्य-शुक्र-सूर्य प्रत्यन्तर फल (12/02/22)-

सूर्य प्रत्यन्तर दशा में वातज्वर, सिर में पीड़ा, राजा व शत्रु से पीड़ा तथा थोड़ा लाभ होता है।


३.सूर्य-शुक्र-चंद्र प्रत्यन्तरफल (15/03/2022)-

चंद्रमा प्रत्यन्तर दशा  में कन्या का जन्म,राजा से लाभ,वस्त्राभूषणो की प्राप्ति, राज्य में किसी अधिकार की प्राप्ति भी होती है।


४. सूर्य-शुक्र-मंगल प्रत्यंतरफल(05/04/2022)-

मंगल प्रत्यन्तर दशा में रक्त व पित्त का विकार, कलह,अपमान,तिरस्कार व अधिक क्लेश होता है।


५. सूर्य-शुक्र-राहु प्रत्यन्तरफल(30/05/2022)-

राहु प्रत्यन्तर में स्त्रियों से कलह,अचानक भय का कारण राजा व शत्रु से कष्ट होता है।





६. सूर्य-शुक्र-गुरु प्रत्यन्तर फल(17/07/22)-

गुरु प्रत्यन्तर दशा में  खूब धन,बड़ा अधिकार, वस्त्राभूषणादि की प्राप्ति,हाँथी-घोड़े वाहनादि से युक्त पदवी की प्राप्ति होती है।


७. सूर्य-शुक्र-शनि प्रत्यन्तरफल(13/09/2022)-

शनि प्रत्यन्तर में गधा,खच्चर,ऊँट, बकरी आदि की प्राप्ति,लोहा काले उड़द व तिल आदि से लाभ तथा साधारण पीड़ा होती है।


८. सूर्य-शुक्र-बुध प्रत्यन्तरफल(04/11/2022)-

बुध प्रत्यन्तर दशा में धन व ज्ञान का अधिक लाभ,राज्य या राज्याधिकार की प्राप्ति, ठीक तरह से निवेश(इन्वेस्ट)करने से धन का लाभ होता है।


९. सूर्य-शुक्र-केतू प्रत्यन्तर फल(25/11/2022)-

केतू प्रत्यन्तर में अपमृत्यु का भय,स्थान-स्थान पर भटकना,दशामध्य में थोड़ा लाभ भी होता है।


।। शुभमस्तु ।।


- ब्रजेश पाठक ज्यौतिषाचार्य

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